भारत का एक अनोखा आइलेंड के बारे मे एक अनोखी बात :
भारत में वेसे तो कई सारे आइलेंड आए हुए है, पर आज हम बात करने के लिए जा रहे है वो भारत का एक अनोखा आइलेंड है। जहाँ पर लोगो ने कई बार जाने की है और वहा पहोचे भी है पर पर उनका वापस लौट के आना बहुत ही मुश्किन हो जाता है। इस आइलेंड का नाम है North Sentinel Island.
अनोखा North Sentinel Island :
नॉर्थ सेंटीनेल आइलेंड अंदामान और निकोबार टापुओ में से एक टापू है। अंदामान और निकोबार के 572 टापूओ पैकी यह एक टापू है। इन 572 टापुओ मे से सिर्फ 38 टापूओ पर ही लोग रहते है। बाकी के टापुओ पर अपना मनुष्य जीवन शक्य नहीं है, पर हमारी भारत सरकारने इनके अलावा 12 टापुओ पर गुमने जाने की परवानगी दे रखी है। पर इनके अलावा कोई भी टापुओ पर हम लोगो को जाने की अनुमति नही है। और ऐसे ही एक हम भारत के North Sentinel Island की बात करते है।
North Sentinel Island अंदमान टापू का ही एक छोटा सा भाग है। इस टापू का क्षेत्रफल 59.67 Km square है। और आइलेंड की maximum length 7.8 Km है। इस टापू पर ऐसे लोग रहते है जो किसी और जाती वालो के साथ मिलना नहीं करते है। ओर बाहर से अगर कोई आता है तो उन लोगो को मार डालते है। भारत में बस एक ही जाती बची हुई है। जिसके बारे में किसीको कुछ भी मालूम नहीं है। उन लोगो की भाषा क्या है? कौन सी जाती के है? क्या करते है? कुछ भी जानकारी नहीं मिल रही है। हमारे देश के कई लोगो ने कोशिश की वहा जाकर जानकारी हासिल करने की पर वो लोग वापस लौट के नहीं आते है। जो भी जाता है उनलोगों के पास उनको वो मौत के घाट उतार देते है।
Sentinel जाती के लोंग :
sentinel नाम हमारे लोंगो के द्वारा दिया हुआ नाम है। इस जाती के लोग कपड़े नहीं पहनते और खाने में वें लोंग फल, मछली और वहा पर रहते प्राणीओ का शिकार करते है। यह लोंग शिकार करने के लिए तीर और हथियार का ईस्टमाल करते है। यह तीर और हथियार वो लोंग व्हा पहुंचे जहांज से लोंखड़ निकाल कर बनाते है।
अंदमान और निकोबार टापुओ Protection Of Aboriginal Tribes Act 1956 के द्वरा टापू से 5 किलोमीटर दूर से आगे जाने के लिए प्रतिबंध रख दिया है। यहा 2004 में जो त्सुनामी आई थी तो भारत सरकारने वहाँ भारत सैन्य का एक हेलिकोप्टर भेजा था। वहाँ सब देखने के लिए सब ठीक है की नहीं पर वो लोंगों ने हेलिकोप्टर पर भी बाण मारना शुरू कर दिया था। ऐसे ही वो लोंग न किसी से मिलते है और न किसी की मदद लेते है। sentinel जाती के लोंग बहोत ही खतरनाक माने जाते है। वहाँ लोंग मर जाते है तो वे लोंग वही पर ही दफना देते है। इन सब कारणो से वहाँ कोई भी जा नहीं सकता है। अगर जाता है तो वापस नहीं आता है, क्योकि वहाँ के लोंग उनको मर डालते है। फिर भी अभी भी लोंग उन लोंगों को समजाने की कोशिश करते है इसलिए हल ही मतलब 2018 मे जॉन एलन चौव इस टापू पर गए है। यह अपने साथ बाइबल लेके गए है। उन लोंगों को समजाने के लिए। पर वे भी अभी तक वापस नहीं लौटे है। उनका भी अभी तक कुछ अतापता नहीं। वे अभी भी वापस लौटकर नहीं आए।
हमारी भारत सरकार ने परवानगी दी थी की वहाँ से कुछ लोंगों को इधर लाने की। वहाँ से 2 लोंगों को उठाकर पूछताछ करने के लिए लाये गए थे। पर उन लोंगों से कुछ मालूम नहीं पड़ा। उनकी कुछ भाषा समझ नहीं आ रही थी, इसलिए उनको उनके टापू पर छोड़ दिया गया। परंतु वहाँ 2 लोंगों को छोड़ ने के बाद वहाँ कुछ रोग फेला। रोग फेलने की वजह से वहाँ पर आधे से ज्यादा लोंगों की मौत हुई। इस कारण से वो लोंगों न किसी बाहर वाले को अंधर आने देते है और नहीं किसी को बाहर भेजते है। ऐसा माना जाता है।
North Sentinel Island वाले लोंगों की यह पूरी कहानी है। और एक बार फिर आएंगे आपके सामने ऐसी एक सची और अनोखी हमारे भारत की बात लेकर तब तक के लिए YOU GUYS STAY HEALTHY AND STAY SAFE.