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Adalaj Step Well

Adalaj Step Well ; यह बावड़ी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन संरक्षित स्मारक है. अडालज की बावड़ी (गुजराती : अडालज नी वाव) एक सीढ़ीदार कुँआ (बावड़ी) है. वास्तव में यह एक बड़े भवन के रूप में निर्मित है. भारत में इस तरह के कई सीड़ीनुमा कुएं हैं. पुराने समय में पानी के संरक्षण के लिए कई सारे सीढ़ीदार कुएं – राजा महाराजाओं ध्वारा बावड़ी बनवाए गये. कई सारी बावड़ियां, पर्यटकों में अपने कई रहस्यमयी कहानियों के साथ प्रसिद्ध भी है. उन्ही बावड़ियों में से ही एक है गुजरात की “अडलाज की बावड़ी”।

Adalaj Step Well

Adalaj Step Well निर्माण किसने करवाया???

पुराने काल राजा महाराजाओं ने पानी के संरक्षण के लिए कई सारे वाव या बावड़ी बनवाए गये थे जिन्हें कुआँ भी कहा जाता है। कई सारी बावड़ियां, पर्यटकों में अपने कई रहस्यमयी कहानियों के साथ प्रसिद्ध भी है। उन बावड़ियों में से ही एक है, गुजरात के गाँधीनगर जिले में स्थित अडलाज की बावड़ी।

अडलाज बावड़ी या वाव, अडलाज में स्थित एक ऐतिहासिक कुआँ है जिसका निर्माण कार्य रणवीर सिंह द्वारा प्रारंभ करवाया गया था। कुएँ में उस समय के वास्तुकला की छवि और निपुणता आपको साफ दखेगी जो आपको सम्मोहित कर उसी काल में दोबारा ले जाएगी। यह स्थापत्य कला का एक अद्भुत नमूना है। इसकी वास्तुकला में भारतीय शैलियों के साथ-साथ इस्लामिक शैलियों को भी बखुबी उकेरा गया है।

इस बावड़ी का पूर्ण कार्य संवत 1555 में रानी रुदाबाई द्वारा करवाया गया था। रुदाबाई वाघेला वंश के राजा राणा वीर सिंह की पत्नी थी। राणा वीर सिंह ने अपनी प्रजा के पानी की सुविधा के लिए इस बावड़ी का निर्माण शुरू करवाया था किन्तु बीच में ही सुल्तान बेघारा ने राणा वीर सिंह के राज्य पर अचानक हमला कर दिया और इस युद्ध में कई सारे सैनिक और राणा वीर सिंह वीरगति हो गए ।सुल्तान बेघारा ने रानी के सौंदर्य पर मोहित होकर शादी का प्रस्ताव भेजा। रानी ने उसको कूटनीति में फंसाकर उनके सामने बावड़ी निर्माण पूर्ण कराने की शर्त रख दी। सुल्तान ने बावड़ी निर्माण पूरा कराया परंतु रानी ने इसी बावड़ी में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए। भले ही इसका इतिहास दुखद व भयावह रहा हो किन्तु इस बावड़ी का जल प्रबंधन में अतुलनीय योगदान रहा है।

Adalaj Step Well

इस बावड़ी के पास ही उन मजदूरों की कब्र बनी है जिनकी हत्या सुल्तान ने बावड़ी निर्माण के बाद कर दी थी। सुल्तान नहीं चाहता था कि ऐसी अद्भुत बावड़ी का निर्माण कोई और करा पाए। 75 मीटर लम्बी इस बावड़ी में 5 तल हैं जिसमें से सैलानियों के लिए केवल पहला तल ही खुला है। इस बावड़ी में आज भी कुएं के अंदर पानी भरा रहता है।

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